सुनकर सूरज चुपचाप मायूसी और मासूमियत से बाहर से ही परेड और तिरंगे को फहराते और लहराते हुए एकटक देखता... सुनकर सूरज चुपचाप मायूसी और मासूमियत से बाहर से ही परेड और तिरंगे को फहराते और ल...
इस उपन्यास का लेखक एक विचाराधीन कैदी है, जो पिछले 15 वर्षों से एक जेल में बंद है और एक इस उपन्यास का लेखक एक विचाराधीन कैदी है, जो पिछले 15 वर्षों से एक जेल में बंद है...
न ही अन्य लोगों की तरह मेरे परिवार का हाल करते हैं। न ही अन्य लोगों की तरह मेरे परिवार का हाल करते हैं।
पहली बच्ची यही सोचकर खुश हो रही थी कि, उसकी अध्यापिका उसका मेकअप ठीक कर रही है। पहली बच्ची यही सोचकर खुश हो रही थी कि, उसकी अध्यापिका उसका मेकअप ठीक कर रही है।